<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्लीः</strong> बॉम्बे हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप पर भेजे जाने वाले डॉक्यूमेंट से जुड़े अहम निर्देश दिए हैं. अब ऑनलाइन मैसेजिंग एप व्हाट्सएप पर अगर किसी भी नोटिस/ डॉक्यूमेंट को पीडीएफ फॉर्मेट में भेजा जाएगा तो ये वैद्य होगा. जस्टिस गौतम पटेल ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कार्ड एंड पेमेंट सर्विस से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए हैं.</p> <p style="text-align: justify;">स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का आरोप है कि अभियुक्त रोहित जाधव नोटिस लेने से बच रहा है. कंपनी के मुताबिक 8 जून को अभियुक्त को कंपनी के एक अधिकृत अधिकारी ने नोटिस भेजा. यह नोटिस वाट्सएप के जरिए पीडीएफ फॉर्मेट में भेजा गया और एक संदेश के जरिए उसे सुनवाई की अगली तारीख के बारे में बताया गया. कंपनी ने क्रियान्वयन याचिका के साथ हाईकोर्ट की शरण ली, क्योंकि जाधव ने उसके कॉल उठाने अथवा उसके अधिकारियों से मिलने से इनकार कर दिया.</p> <p style="text-align: justify;">मुंबई हाई कोर्ट ने इस मामले के जरिए साफ किया कि वाट्सएप के जरिये नोटिस भेज जाने को स्वीकार किया जाएगा और ये नोटिस वैद्य होगें. इस मामले की सुनवाई करते हुए जज पटेल ने अपने आदेश में कहा , 'नागरिक प्रक्रिया संहिता के आदेश 11 नियम 22 के तहत नोटिस तामील करने के मकसद से मैं इसे स्वीकार करूंगा .मैं इसलिए ऐसा कर रहा हूं क्योंकि वाट्सएप यह स्पष्ट दिखा रहे हैं कि अभियुक्त के नंबर पर मैसेज और उसका अटैचमेंट न केवल भेजा गया है बल्कि दोनों को खोला भी गया.'</p>
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